Apara Ekadashi 2022: एकादशी तिथि को हिंदू धर्म में विशेष महत्व दिया गया है। प्रत्येक माह में दो एकादशी पड़ती हैं। एक कृष्ण पक्ष में और दूसरी शुक्ल पक्ष में। इस प्रकार सभी एकादशी के नाम अलग होते हैं। यह दिन भगवान विष्णु को समर्पित होता है। इस दिन व्रत रखकर भगवान विष्णु की पूजा की जाती है।
इस बार की अपरा एकादशी (Apara Ekadashi 2022) ज्येष्ठ मास के कृष्ण पक्ष में पड़ रही है। पौराणिक शास्त्रों में प्रत्येक एकादशी का व्रत बेहद पुण्यदायी होता है। इसका व्रत करने से मनुष्य के पापों का नाश होता है। एकादशी का व्रत विधि-विधान से करना चाहिए। तभी आप इस व्रत के पुण्य के भागीदार बन सकते हैं।
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अपरा एकादशी (Apara Ekadashi 2022) शुभ मुहूर्त
इस बार अपरा एकादशी का व्रत 26 मई, को गुरुवार के दिन पड़ रहा है।
एकादशी तिथि का प्रारंभ 25 मई को सुबह 10:32 बजे से होगा।
इसका समापन 26 मई को सुबह 10:54 बजे होगा।
अपरा एकादशी (Apara Ekadashi 2022) का महत्व
अपरा एकादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा की जाती है। उनसे अनजाने में हुई गलतियों और पापों के लिए क्षमा याचना करते हैं। एकादशी का व्रत करने से मुनष्य के सभी संकट दूर हो जाते हैं। इससे वो मोक्ष को प्राप्त कर लेते हैं। इस दिन श्रद्धालु पूरा दिन व्रत रखते हैं। फिर शाम के समय भगवान विष्णु की विधि-विधान से पूजा अर्चना करते हैं। श्रद्धा भाव से की गई पूजा से भगवान विष्णु की असीम कृपा प्राप्त होती है।
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अपरा एकादशी की पूजा विधि
- भगवान विष्णु की पूजा समय एक दिन पहले दशमी तिथि की शाम से ही शुरू हो जाता है।
- माना गया है की दशमी तिथि के दिन सूर्यास्त के बाद भोजन ग्रहण न करें।
- एकादशी वाले दिन सूर्योदय से पहले उठकर पानी में थोड़ा गंगाजल डालकर स्नान करें।
- अपने मंदिर में एक चौकी पर पीला कपड़ा बिछाकर भगवान विष्णु की मूर्ति स्थापित करें। इसका मुख पूर्व दिशा की तरफ ही रखें।
- मूर्ति के सामने दीप जलाएं और कलश स्थापित करें।
- भगवान को फल-फूल, पान, सुपारी, नारियल, लौंग आदि अर्पित करें।
- पूरा दिन व्रत रखें और शाम के समय अपरा एकादशी की व्रत कथा सुनें व पढ़ें।
- पूजा के उपरांत फलाहार ग्रहण करें।