हिंदू धर्म ग्रंथों में एकादशी व्रत का विशेष महत्व होता है। वैसे से तो साल भर बहुत से व्रत आते हैं। माह में दो एकादशी के व्रत भी पड़ते हैं। इनमे से एक मोहिनी एकादशी (Mohini Ekadashi 2022) की भी परम्परा है। हर एकादशी को अलग-अलग नाम से जाना जाता है। सभी एकादशी के व्रत भगवान विष्णु को समर्पित होते हैं। इस बार यह वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को पड़ रही है। भगवान विष्णु के मोहिनी स्वरूप की इस दिन पूजा की जाती है।
पौराणिक कथाओं में समुद्र मंथन के दौरान भगवान विष्णु ने देवताओं को अमृत पान कराने के लिए मोहिनी का रूप धारण किया था। उस दिन एकादशी की तिथि थी। इसलिए इस तिथि को मोहिनी एकादशी (Mohini Ekadashi 2022) के नाम से जाना गया है। यदि किसी विशेष कार्य की सिद्धि चाहते हो! तो मोहिनी एकादशी का व्रत जरूर रखना चाहिए।
मोहिनी एकादशी 2022 का शुभ मुहूर्त
मोहिनी एकादशी का शुभारम्भ 11 मई, बुधवार को शाम 07 बजकर 31 बजे से होगा।
इसका समापन 12 मई, गुरुवार को शाम 06 बजकर 51 बजे तक होगा।
हिन्दू पंचांग के अनुसार, मोहिनी एकादशी का व्रत 12 मई को रखा जाएगा।
मोह के जंजाल से निकालती है यह एकादशी
ऐसी मान्यता है कि मोहिनी एकादशी मोह के बंधन से छुटकारा दिलाती है। इस व्रत को रखने से जल्द ही सांसारिक मोह माया से विरक्त हो सकते हैं। उन्हें जन्म और पुनर्जन्म के चक्र से मुक्ति मिल जाती है। इसके साथ ही मोक्ष की प्राप्ति भी मिल जाती है। इसका व्रत रखने से व्यक्ति के तमाम पाप कट जाते हैं। यदि व्रत रखने में असमर्थ हैं तो विधिवत पूजन करके व्रत कथा जरूर पढ़ें या सुनें। ऐसा कहा गया है कि इससे हजार गौदान के समान पुण्य मिलता है।
मोहिनी एकादशी 2022 की व्रत विधि
- सबसे पहले सुबह जल्दी उठकर स्नान करें।
- स्नान करने के पश्चात साफ-सुथरे वस्त्र धारण करें।
- इसके बाद घर में बने मंदिर की साफ- सफाई के बाद घी का दीपक जलाएं।
- तत्पश्चात भगवान विष्णु का गंगा जल से अभिषेक करें।
- उन्हें साफ व स्वच्छ वस्त्र पहनाएं।
- विष्णु भगवान को भोग लगाएं और उनकी आरती करें।
- भोग में तुलसी को अवश्य शामिल करें। ध्यान रखें कि भोग में केवल सात्विक चीजों को रखें। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार तुलसी विष्णु भगवान को बहुत प्रिय हैं। इसलिए तुलसी के बिना वो भोग स्वीकार नहीं करते।