अक्सर कहा जाता है कि जब व्यक्ति प्रेम में पड़ जाता है! तो उसको दुनिया सबसे खूबसूरत लगने लगती है। वो हमेशा कल्पनाओं और भावनाओं में खोया रहता है। आज के समय में प्रेम संबंध यानि अफेयर होना एक आम बात हो गई है। आज कल के लाइफ स्टाइल में लोग बहुत जल्दी घुल-मिल जाते है। इससे उनके बीच काफी नजदीकियां बढ़ जाती है। इनमें से कुछ प्रेम प्रसंग शादी में भी बदल जाते है। हालाँकि कई अफेयर बीच में ही खत्म हो जाते हैं। ब्रेकअप होने वाली स्थिति में कई युवा डिप्रेशन में चले जाते है। इसके कई बार दुष्प्रभाव देखने को मिलते है। बहुत से युवा नशों का शिकार होते भी देखे गए हैं।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार कई बार ग्रहों की गणना भी प्रेम संबंधों को प्रभावित करती है। ब्रेकअप वाले मामलों में कुछ ग्रह जिम्मेदार होते हैं। प्रेम संबंधो का टूटना ग्रहों की दशा पर निर्भर करता है। ग्रहों के इन उतार चढ़ाव के कारण ही लोगो के संबंध अक्सर टूटते और जुडते रहते हैं।
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प्रेम संबंधो में ज्योतिष का महत्व
ज्योतिष शास्त्र में प्रेम के कारकों के बारे में बहुत ही गहनता से बताया गया है। इसमें जन्म कुंडली का अहम योगदान होता है। ज्योतिष के अनुसार पांचवां भाव प्रेम संबंधों को दर्शाता है। व्यक्ति की कुंडली का पांचवां भाव जब अशुभ या क्रूर ग्रहों से पीड़ित हो जाता है! तो प्रेम संबंधों में अचानक से परेशानियां आने लगती है। हर समय तनाव और विवाद की स्थिति बनने लगती हैं। कभी कभी भ्रम इतना फैल जाता है कि लव रिलेशन में परेशानियां आ जाती हैं।
ज्योतिष में ब्रेकअप का कारण मुख्य रूप से सूर्य, मंगल और शनि ग्रह को बताया हैं। इन तीनों ग्रहों मेंं से कोई भी एक ग्रह उच्च राशि में होकर पंचम या सप्तम भाव को देखता है! तो प्रेम विच्छेद यानि संबंध टूटने का योग बनता है। अन्य कारण यह भी है कि अगर किसी की कुंडली में सूर्य, मंगल और शनि के अलावा! पांचवें और सातवें घर के स्वामी ग्रह पर इन तीनों में से अगर किसी एक की भी दृष्टि पड़ रही हो? तब भी प्रेम में ब्रेकअप का योग बनता है। वैसे भी किसी का मंगल ग्रह ठीक न हो तो यह शुभ नहीं होता। खासतौर पर प्यार वाले मामलों में।
ऐसे व्यक्ति हमेशा अपनी मनमानी करते हैं। इन्हें अपने पार्टनर की फीलिंग का ख्याल नहीं रहता। बस अपने ख्यालों में लीन रहते हैं। यही कारण इनके रिश्ते को ब्रेकअप की तरफ ले जाता है। ऐसा भी कहा जाता है कि शनि की कुदृष्टि से भी व्यक्ति के स्वभाव में अचानक ही चिड़चिड़ापन आने लगता है।। इससे प्रेम संबंधों में अक्सर झगड़े होने लगते हैं। जब बात ज्यादा बिगड़ जाती है तो रिश्ते का अंत ब्रेकअप से हो जाता है।
प्रेम संबंधों में ग्रहों का महत्व
ऐसा भी माना जाता है यदि किसी पर सूर्य का प्रभाव हो? तो वह व्यक्ति प्रेम विवाह में कभी भी सामने वाले को तवज्जो नहीं देता। इसके चलते दोनों युगल के विचार कभी भी एकमत नहीं होते। यह परेशानी भी कई बार ब्रेकअप का कारण बन जाती है। प्रेम संबंध या शादीशुदा जीवन में अचानक से बदलाव में राहु और केतु को भी जिम्मेदार माना गया है। इन दोनों को पापी ग्रह के नाम से जाना जाता हैं। जब ये अशुभ स्थिति में होते हैं! तो रिश्तों में भ्रम की स्थिति पैदा कर देते हैं। कभी कभी ऐसी बातों पर विवाद की स्थिति बनने लगती है जिनका कोई मतलब ही नहीं होता। इनको भी कई बार अचानक ब्रेकअप का कारण माना जाता हैं। इसलिए इन ग्रहों को शांत रखना बहुत ज़रूरी है। इसके लिए भगवान शिव और भगवान गणेश जी की पूजा कर सकते है।
अगर किसी लड़के या लड़की की कुंडली में चंद्र व शुक्र एक साथ एक ही राशि में स्थित हो? तो ऐसे व्यक्ति प्रेम संबंधों में धोखा देते है। प्रेम संबंधों में बाधा पहुंचाने वाले ग्रहों की जांच करनी चाहिए। उनके उपाय से सभी दिक्कत दूर हो सकती है। सबसे महत्वपूर्ण शनि देव को शांत रखना भी बहुत जरूरी है। शनि देव जब अशुभ होते हैं तो व्यक्ति के प्रेम संबंधों को प्रभावित करते हैं। पांचवें भाव पर शनि की दृष्टि पड़ने से वाद विवाद और ब्रेकअप जैसी स्थितियां बनती हैं। शनिवार के दिन शनि देव की पूजा करें और शनि से जुड़ी चीजों का दान करें।
प्रेम विच्छेद योग का बनना
जब कुंडली में मंगल ग्रह अशुभ होता है! तो प्रेम विवाह में वाद-विवाद की स्थिति अधिक बनने लगती है। क्रोधी स्वभाव के कारण संबंध प्रभावित होने लगते हैं। मंगल को खुश करने के लिए हनुमान जी की पूजा करनी चाहिए। सूर्य ग्रह के अशुभ होने पर प्रेम संबंधों को लेकर घर के बड़े नाराज होने लगते हैं। इससे भी प्रेम संबंधों पर बुरा असर पड़ने लगता है। ये सभी कुंडली में प्रेम विच्छेद योग बनाते है। रविवार के दिन सुबह उठकर सूर्य देव को जल देना चाहिए। अपने बड़ों खासकर पिता को प्रसन्न रखने की कोशिश करनी चाहिए। अगर इनके सही समय पर उपाय किये जाए तो हर परेशानी को समयपूर्व संभाला जा सकता है। इसके साथ ही अपने संबंधों को मजबूत बनाने के लिए परस्पर सहयोग करें।