हर धर्म की अपनी विशेष मान्यताएं और परंपराएं होती है। इसी तरह हिंदू धर्म में भी बहुत सी मान्यताएं और परम्पराएं हैं। लोग इनको बहुत पुराने समय से निभाते आ रहे हैं। तुलसी के पौधे की बहुत विशेषताएं होती है। इसलिए लोग इसको अपने घरों में लगाते है। ऐसा भी माना जाता है कि इससे घर में नेगटिव एनर्जी का वास नहीं होता। शास्त्रों के अनुसार हिंदू धर्म में कई कार्यों को वर्जित माना जाता है। आज के समय में बहुत से लोग इन बातों को अंधविश्वास भी मानते हैं। तो क्या वाकई ये मान्यताएं अंधविश्वास के सहारे टिकी हैं। क्या इनके पीछे कोई तर्क या तथ्य भी हैं? तो चलिए जानते हैं ऐसी ही कुछ धारणाओं के बारे में:
क्या हैं तुलसी के फायदे
वास्तु शाश्त्र 10 दिशाओं और 9 ग्रहों पर आधारित होता है। तुलसी में मरकरी यानी बुध ग्रह को प्रभावित करने की शक्ति होती है। कहा जाता है कि मरकरी सिर्फ तुलसी और गंगाजल में ही पाया जाता है। मरकरी में तापमान को कंट्रोल करने की ताकत होती है। इसके साथ ही यह वातावरण को भी शुद्ध करने का काम करता है।
तुलसी से जुड़े कुछ हैरान कर देने वाले औषधीय तथ्य
भारत के घर-घर पाया जाने वाला तुलसी का पौधा एक दिव्य ओषधि की श्रेणी में आता है। क्या आप जानते है तुलसी की पतियों में सर्व रोगनासक गुण पाए जाते है। बहुत से रोगो के लिए तुलसी के पत्तों का उपयोग किया जाता है। आइए जानते हैं इस गुणकारी पौधे से रोचक तथ्य:
- तुलसी का पौधा लगाने से घर का वातावरण स्वच्छ बना रहता है। तुलसी के पौधे की गंध आसपास के वातावरण से सूक्षम रोग जनक वायरस को समाप्त कर देती है। जिसके कारण हवा से फैलने वाले रोगो से आप बचे रहते है।
- तुलसी की पतियों का प्रतिदिन सेवन करने से कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से भी बचा जा सकता है।
- इसकी पतियों में पारा नामक प्रदार्थ पाया जाता है। यह बहुत सी बीमारियों में लाभदायक होता है।
- तुलसी की पतियों का नियमित तौर पर सेवन करने से मन की एकाग्रता बढ़ती है। तुलसी की चाय पीने से ताजगी का अनुभव होता है।
- संस्कृत भाषा में इसे हरिप्रिया के नाम से जाना जाता है। हरि यानी भगवान विष्णु को प्रिय हो।
- तुलसी की पतियों से मानसिक विकारो को भी ठीक किया जा सकता है। डिप्रेशन जैसे रोगो में भी तुलसी का पौधा लाभदायक होता है।
- तुलसी की पत्तियां कफ, खासी-जुकाम आदि से छुटकारा दिलाने में सहायक होती है।
- इसकी पत्तियों से मुंह का संक्रमण भी दूर हो जाता है। इससे मुंह से दुर्गंध नहीं आती।
- तुलसी किडनी को भी मजबूत बनाती है। 5-6 महीने के नियमित सेवन से पथरी जैसी समस्या से भी छुटकारा मिल सकता है।
तुलसी की पत्तियों को दांत से चबाने का रहस्य
हिंदू धर्म में लोग तुलसी को पूजनीय और पवित्र पौधा मानते हैं। स्वास्थ्य की दृष्टि से इसके कई लाभ भी होते हैं। इसी कारण लोग तुलसी के पत्तो का सेवन भी करते हैं। अक्सर तुलसी के पत्तों को दांतो से चबाने के लिए मना किया जाता है। हालांकि बड़े-बुजुर्ग ही इस बात को मानते हैं। उनका मानना है कि तुलसी के पत्तों को चबाना अच्छा नहीं होता है। दरअसल इसके पीछे वैज्ञानिक तर्क है। तुलसी के पत्तों में क्षार तत्व होता है। जब तुलसी के पत्तों को चबाया जाता है तो इसके क्षारीय तत्त्व दांतों को खराब कर देते हैं। इसलिए यह कहने उचित है कि तुलसी के पत्तों को नहीं चबाना चाहिए।
तुलसी की पत्तियों को तोड़ते समय न करें कभी ये गलतियां
बहुत से गुणों से भी भरपूर होने के बावजूद लोग अक्सर कुछ गलतियां करते हैं। जैसेकि तुलसी के पत्तों को कब तोड़ें, कैसे तोड़ें इत्यादि।
- धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, सायंकाल के समय तुलसी के पत्तों को नहीं तोडना चाहिए। इसको राधा रानी का रूप भी माना गया है। सायंकाल के समय तुलसी माता लीला करती हैं।
- अगर पत्तियों की ज्यादा आवश्यकता पड़े तो उनको तोड़ने से पहले पौधे को थोड़ा हिला जरूर लें।
- तुलसी को कभी भी खींचकर या नाखूनों से नहीं तोड़ना चाहिए।
- अगर आप इसका औषधि के रूप में सेवन कर रहे हैं तो पत्तियों को मत चबाएं बल्कि जीभ पर रखकर चूसें। शास्त्रों के अनुसार, तुलसी एक पौधा नहीं बल्कि राधा रानी का अवतार है।
तुलसी के पूजन की अन्य विधियां
- तुलसी को लक्ष्मी माता का रूप भी माना जाता है। इसलिए ये भगवान विष्णु को भी प्यारी हैं।
- वास्तु के अनुसार इसको उत्तर, उत्तर-पूर्व या दक्षिण-पूर्व दिशा में ही लगाएं। भूलकर भी पूर्व या उत्तर-पश्चिम दिशा में न लगाएं।
- रविवार के दिन के अलावा हफ्ते के सब दिन तुलसी को पानी दें। इससे घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है।
- तुलसी को जल देने के लिए हमेशा काँसे के बर्तन का उपयोग करें। महिलाओं को शाम के समय तुलसी के पौधे के सामने दीया जलाना चाहिए।
- तुलसी पवित्र होती है। इसलिए कभी भी इसको बैडरूम में नहीं रखना चाहिए।